शिलाजीत एक मोटा, काले-भूरे रंग का खनिज तारकोल है, जो गर्मियों में हिमालय पर्वतों की दरारों से बाहर निकलता है। यह सदियों पुराने, विघटित पौधों से बना है और इसमें विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
शिलाजीत भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसका नाम भारत में बहुत प्रचलित है। इसका उपयोग कई स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है, जैसे ऊर्जा बढ़ाना, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करना और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को सुधारना।
अगर आप शिलाजीत के फायदे ओर भी जानना चाहते है तो अंत तक हमारे इस आर्टिकल को जरूर पढे।
शिलाजीत: एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि
शिलाजीत (शुद्ध किया गया) एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग भारतीय चिकित्सा की स्वदेशी प्रणाली में किया जाता है। यह सदियों से जानी-मानी और उपयोग की जाने वाली औषधि है। शिलाजीत एक काले-भूरे रंग का पाउडर है, जो हिमालय के ऊंचे पर्वतों की चट्टानों से प्राप्त होता है।
यह भारत और नेपाल के बीच के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है और इसके अलावा अफगानिस्तान, तिब्बत, रूस और उत्तरी चिली में भी पाया जाता है। उत्तर भारत में इसे शिलाजतु, सलाजीत, मम्मियो या मिमि के नाम से जाना जाता है।
शिलाजीत का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा कई प्रकार की बीमारियों के उपयोग के लिए किया जाता है। इसे दैवीय पहाड़ों (divine mountains) की चिकित्सा शक्तियों को धारण करने वाली शानदार औषधि के तौर पर जाना जाता है।
शिलाजीत के रासायनिक संघटक
शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो विभिन्न रासायनिक Ingredients and Mineralsसे मिलकर बने होते हैं, जो इसे एक शक्तिशाली औषधि बनाते हैं।
शिलाजीत में कई महत्वपूर्ण रासायनिक संघटक होते हैं:
1. Fulvic acid: शिलाजीत का 60-80% हिस्सा।
2. Humins and Humic Acid: अन्य प्रमुख ingredient
3. Fatty Acids, Resins and Albumin: महत्वपूर्ण structural elements
4. Polyphenols, Phenolic Lipids and Triterpenes: चिकित्सीय गुण बढ़ाते हैं।
5. Sterols, Aromatic Carboxylic Acids and Coumarins: प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
6. Latex, Gum and Amino Acids: अन्य महत्वपूर्ण ingredient
शिलाजीत में 84 से अधिक minerals होते हैं, जैसे चांदी, कॉपर, ज़िंक और आयरन, जो शरीर के विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शिलाजीत के फायदे
शिलाजीत एक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी हो सकती है। आइए इसके फ़ायदों के बारे मे विस्तार पूर्वक जानते है।
एनीमिया के लिए
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। शिलाजीत में आयरन होता है, जो एनीमिया के प्रबंधन में सहायक हो सकता है। एक पशु अध्ययन में पाया गया कि शिलाजीत ने हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाया। हालांकि, इस लाभ की पुष्टि के लिए मनुष्यों पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
मांसपेशियों की थकान के लिए
शिलाजीत का सप्लीमेंट लेने से मांसपेशियों की थकान कम हो सकती है और कसरत के बाद मांसपेशियों की शक्ति बनाए रखने में मदद मिल सकती है। एक क्लिनिकल अध्ययन में, शिलाजीत ने थका देने वाले काम के बाद मांसपेशियों की शक्ति बनाए रखने में सकारात्मक प्रभाव दिखाया। फिर भी, और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
दिल के लिए
शिलाजीत का प्रयोग दिल के स्वास्थ्य में लाभकारी हो सकता है। यह लिपिड प्रोफाइल पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और दिल की मांसपेशियों की चोटों को ठीक करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह निष्कर्ष पशु अध्ययनों पर आधारित हैं और मनुष्यों पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
ऊंचाई पर रहने वाले लोगों के लिए
ऊंचाई पर रहने वाले लोगों में आम समस्याएं जैसे फेफड़ों में फ्लूइड, माउंटेन सिकनेस, दिमाग की सूजन आदि होती हैं। शिलाजीत में फुल्विक एसिड होता है, जो हाइपॉक्सिया को रोकने, ऊर्जा उत्पादन और खून बनाने में मदद कर सकता है। यह ऊंचाई पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए सहायक हो सकता है, लेकिन उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
गैस्ट्रिक अल्सर के लिए
पेप्टिक अल्सर एक पेट का घाव है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल डैमेज के कारण होता है। शिलाजीत में एंटी-अल्सर, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो पेट के अल्सर को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, और अधिक शोध की आवश्यकता है।
अल्ज़ाइमर रोग के लिए
शिलाजीत में फुल्विक एसिड होता है, जो याददाश्त बढ़ाने और अल्ज़ाइमर रोग के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है। यह ताऊ प्रोटीन के सेल्फ-एग्रीगेशन को रोकता है, जो अल्ज़ाइमर के विकास में शामिल है। फिर भी, मनुष्यों पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
ब्लड शुगर कम करना
शिलाजीत मधुमेह के मरीजों के लिए एक उपयोगी प्राकृतिक औषधि हो सकती है। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि शिलाजीत का सेवन करने वाले डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर लेवल में सुधार देखा गया। इस अध्ययन ने यह भी दिखाया कि शिलाजीत इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म को सुधारता है।
हालांकि, इसका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, ताकि सही मात्रा और उपयोग के तरीके का पता चल सके।
शिलाजीत के अन्य फायदे
1. सूजन को कम करता है।
2. शिलाजीत मे एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जिससे शरीर की सुरक्षा होती है।
3.प्राकवेद शिलाजीत का नियमित सेवन याददाश्त बढ़ाने मे मदद करता है।
4. अस्थमा के लक्षणों को कम करता है।
5. कैंसर कोशिकाओं (एंटी-ट्यूमर एक्शन) के विकास को रोकता है।
6. दौरे पड़ने में राहत देने में सहायक होता है।
7. दिल, किडनी और लिवर के स्वास्थ्य को सुधारता है।
8. पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
शिलाजीत में पाए जाने वाले प्रमुख तत्व और उनके लाभ
तत्व का नाम | मात्रा प्रति 500 मिग्रा | लाभ |
फुल्विक एसिड | 60% | एंटीऑक्सीडेंट, ऊर्जा बढ़ाना |
मिनरल्स | 25% | प्रतिरक्षा को मजबूत करना, हड्डियों को strong करना |
हुमिक एसिड | 10% | पाचन सुधारना, toxic पदार्थों को निकालना |
अन्य पोषक तत्व | 5% | समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना |
शिलाजीत को कैसे उपयोग करें
शिलाजीत को सही तरीके से उपयोग करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं का पालन करें:
1. दूध के साथ शिलाजीत पाउडर
– शिलाजीत पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन करें।
– यह तरीका शरीर में शिलाजीत के पोषक तत्वों को अच्छे से अवशोषित करने में मदद करता है।
2. शिलाजीत कैप्सूल
– शिलाजीत को कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है।
-आमतौर पर 300-500 मिग्रा प्रतिदिन की खुराक पर्याप्त होती है, लेकिन व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार यह भिन्न हो सकती है।
– कैप्सूल का सेवन सरल होता है और इसे आसानी से डोज़ के हिसाब से लिया जा सकता है।
3. शुद्ध शिलाजीत का चयन करें:
– बाजार में कई प्रकार के शिलाजीत उपलब्ध हैं। हमेशा शुद्ध और natural प्रोडक्ट का ही चयन करें।
– Prakaveda Shilajit मे 78% fulvic acid है, जो पूरी तरह से शुद्ध और natural प्रोडक्ट है।
शिलाजीत का अन्य दवाओं के साथ प्रभाव
शिलाजीत का अन्य दवाओं के साथ इंटरैक्शन के बारे में कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई इंटरैक्शन नहीं होता। इसलिए, बेहतर होगा कि आप अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह का पालन करें।
किसी अनुभवी डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी मौजूदा दवाओं को बंद न करें और न ही शिलाजीत से बना कोई आयुर्वेदिक/हर्बल प्रिपरेशन लेना शुरू करें।
केवल वे ही आपको इसे सही तरह से लेने की सलाह दे सकेंगे। बिना डॉक्टर की सलाह के शिलाजीत को अन्य दवाओं के साथ न लें। यह सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी संभावित इंटरैक्शन या साइड इफेक्ट से बचा जा सके।